श्रम विभाग के बारे में
श्रम विभाग का मुख्य दायित्व विभिन्न श्रम अधिनियमों के माध्यम से श्रमिकों के आर्थिक, शारीरिक
एवं सामाजिक हितों का संरक्षण करना है। श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों
एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हुए श्रमिक हित एवं औद्योगिक विकास
में योगदान दिया जाता है। विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर श्रमिकों की सेवा
शर्तों का नियमन कराना, श्रमिकों का वेतन एवं कार्य दशायें सुनिश्चित कराना तथा औद्योगिक
विवादों का निराकरण कर औद्योगिक शांति स्थापित करना, श्रम विभाग का मुख्य दायित्व है।
औद्योगिक स्वास्थ्य एवं सुरक्षा संचालनालय श्रमिकों की दुर्घटना को नियंत्रित करने
हेतु सुरक्षा
उपकरणों की उपलब्धता सुनिश्चित कर श्रमिकों को सुरक्षित कार्य दशा उपलब्ध
कराता है
तथा औद्योगिक क्षेत्र के श्रमिकों को स्वस्थ पूर्ण कार्यदशा भी सुनिश्चित
कराता है।
संगठित
श्रमिकों एवं उनके परिवार के लिए कल्याण कारी योजनाओं के संचालन हेतु सम
कल्याण मण्डल
भवन एवं अन्य सन्निर्माण में लगे श्रमिकों एवं उनके परिवार के कल्याण के
लिए भवन एव
अन्य सन्निर्माण कर्मकार कल्याण मण्डल तथा असंगठित क्षेत्रों में कार्यरत
कर्मकारों
के कल्याण हेतु असंगठित कर्मकार राज्य सामाजिक सुरक्षा मण्डल का गठन किया
गया हैं।
इन मण्डलों के माध्यम से श्रमिकों की सामाजिक सुरक्षा योजनायें संचालित की
जाती है।
इसी
प्रकार
कर्मचारी राज्य बीमा सेवाएं संचालनालय के माध्यम से श्रमिकों को चिकित्सा
हितलाभ एवं
सामाजिक सुरक्षा उपलब्ध कराया जाता है।
विजन
श्रम विभाग का मुख्य दायित्व विभिन्न श्रम अधिनियमों के माध्यम से श्रमिकों के आर्थिक, शारीरिक
एवं सामाजिक हितों का संरक्षण करना है। श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों
एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हुए श्रमिक हित एवं औद्योगिक विकास
में योगदान दिया जाता है। विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर श्रमिकों की सेवा
शर्तों का नियमन कराना, श्रमिकों का वेतन एवं कार्य दशायें सुनिश्चित कराना तथा औद्योगिक
विवादों का निराकरण कर औद्योगिक शांति स्थापित करना, श्रम विभाग का मुख्य दायित्व है।
मिशन
श्रम विभाग का मुख्य दायित्व विभिन्न श्रम अधिनियमों के माध्यम से श्रमिकों के आर्थिक, शारीरिक
एवं सामाजिक हितों का संरक्षण करना है। श्रमायुक्त संगठन द्वारा श्रमिकों
एवं प्रबंधन के मध्य परस्पर सामंजस्य स्थापित करते हुए श्रमिक हित एवं औद्योगिक विकास
में योगदान दिया जाता है। विभिन्न श्रम अधिनियमों का प्रवर्तन कर श्रमिकों की सेवा
शर्तों का नियमन कराना, श्रमिकों का वेतन एवं कार्य दशायें सुनिश्चित कराना तथा औद्योगिक
विवादों का निराकरण कर औद्योगिक शांति स्थापित करना, श्रम विभाग का मुख्य दायित्व है।